तुकड़ेबंदी प्रतिबंध कानून क्या है?
खेती की जमीन के अनावश्यक और अत्यधिक छोटे टुकड़ों में
बंटवारे को रोकने के लिए लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है
कि कृषि भूमि इतनी छोटी ना हो जाए कि वह उपयोग के लायक ही न रहे।
तुकड़ेबंदी प्रतिबंध कानून के मुख्य उद्देश्य
- खेती की जमीन को छोटे-छोटे हिस्सों में बंटने से रोकना।
- अनियंत्रित बंटवारे और भूखंडों के अव्यवस्थित विकास को रोकना।
- परिवारों में जमीन के विवादों को कम करना।

क्या तुकड़ेबंदी कानून रद्द हो सकता है?
राज्य सरकार को राजस्व, निबंधन और मुद्रांक शुल्क विभाग द्वारा यह सिफारिश की गई है कि
शहरी क्षेत्रों जैसे पुणे, ठाणे, पिंपरी आदि में, कृषि भूमि को छोड़कर अन्य स्थानों से
तुकड़ेबंदी प्रतिबंध कानून को हटाया जाए।
अगर यह सिफारिश मंजूर हो जाती है, तो नगरपालिका और महानगरपालिका क्षेत्रों में रहने वाले
नागरिकों को भूमि विभाजन में बड़ी राहत मिलेगी।
गांव के नक्शे, सातबारा और वास्तविक क्षेत्रफल में अंतर के कारण,
भूमि की पुनः मोजणी आवश्यक हो गई है। इस प्रक्रिया के लिए उमाकांत डांगट समिति पहले ही
इस कानून को रद्द करने की सिफारिश कर चुकी है।
राज्य सरकार ने तुकड़ेबंदी कानून में संशोधन हेतु विभिन्न विभागों से
सुझाव और अभिप्राय मांगे हैं।